चांदनी चांद हो जाने कहती है ।

यह पूनम की चांदनी
चांद से उतर जाने को कहती है,
मुस्कुराते चेहरे से यह पलकें,
तेरी नज़रों से उतर जाने को कहती है ।

रात में अकेले चलने से डरते लोगों की
रोशनी बन जाने को कहती है,
तनहा सफर में
हमसफ़र बन जाने को कहती है ।

यह सूरज की रोशनी में
ढल जाने को कहती है
रातों की नींद को
सुबह की ताज़गी बन जाने को कहती है ।

सोते हुए, देखती है हजारों को
यह तुझसे लिपट जाने को कहती है,
कितने दूर हैं दो दिल
यह तेरे दिल में उतर जाने को कहती है ।

रातों की करवटों को
सुबह की अंगड़ाई बन जाने को कहती है,
यह नींद में लगी प्यास को
चाय का प्याला बन जाने को कहती है ।

रूठ जाते है तुझे देखे बिना
यह बच्चों की हस्सी बन जाने को कहती है,
अंधेरी रात में यह
नानी की कहानी बन जाने को कहती है ।

गरम दोपहर ,लंबा रास्ता
दो पल की थकान उतर जाने को कहती है,
राहियों का सुकून यह
बंजारों का गीत बन जाने को कहती है ।

शादियों का जशन,
किसी की कामयाबी बन जाने को कहती है,
यह चांदनी मेरे जन्मदिन की खुशी
मेरी मां के चेहरे पर छलक जाने को कहती है ।

यह रात है, जागते सोते हजारों जज्बात है
तेरी मेरे होने के का एहसास
हर रात में तेरी मौजूदगी खास है
मेरे अंधेरों को रोशन हो जाने को कहती है
धड़कता रहे हर लम्हा
यह धड़कन तुझे देख कर बंद हो जाने को कहती है
/

सुकून से सो जाऊं
यह हर रात लोरी गाने को कहती है,
तेरे सीने से
दिल चोरी हो जाने को कहती है,
यह चांदनी तेरा चांद हो जाने को कहती है ।

picture captured by- tanya sharma

26 thoughts on “चांदनी चांद हो जाने कहती है ।

      1. यह नींद में लगी प्यास को
        चाय का प्याला बन जाने को कहती है ।
        Relatable 🌃 ☕

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